इसके बाद यूजीसी के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. अनमोल एम आंध्र ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को फर्जी डिग्री रोकने के लिए एक सर्कुलर जारी किया। इसके बाद कुछ निजी विश्वविद्यालयों ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करनी शुरू की है, लेकिन कई विश्वविद्यालयों की वेबसाइट अभी तक नहीं बनी हैं या अपडेट नहीं हुई हैं। राजस्थान में कुल 53 निजी विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से केवल 4 विश्वविद्यालयों को 12 बी का दर्जा प्राप्त है।
सेंट्रलाइज पोर्टल की कमी
निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी और यूजीसी नियमों का पालन न करने का मुख्य कारण यह है कि उच्च शिक्षा विभाग के पास कोई सेंट्रलाइज पोर्टल नहीं है। विभाग के पास निजी विश्वविद्यालयों से शोध संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए कोई सिस्टम नहीं है, जिससे ये विश्वविद्यालय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
पीएचडी नियम
- शोधार्थी का चयन प्रवेश परीक्षा या रिसर्च कमेटी के साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है।
- शोधार्थी को 6 महीने का नियमित रिसर्च कोर्स वर्क और परीक्षा अनिवार्य रूप से करवानी होती है।
- केवल विभाग की नियमित फैकल्टी ही रिसर्च सुपरवाइजर बन सकती है।
- शोधार्थी को समय-समय पर एग्जामिन किया जाता है और रिसर्च एडवाइजरी कमेटी गठित होती है।
- रिसर्च पोर्टल पर शोध संबंधित सभी जानकारी अपलोड करना अनिवार्य है।
कार्रवाई की चेतावनी
यूजीसी का सर्कुलर स्पष्ट रूप से कहता है कि यदि कोई विश्वविद्यालय इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी, हरिशंकर मेवाड़ा ने भी इसे लेकर सख्त चेतावनी दी है।