साइबर ठगों की गतिविधियां:
- डाटा चोरी के मामले: जयपुर एसओजी ने उदयपुर के संजय सोनी को गिरफ्तार किया, जिसने महिलाओं के कपड़े बनाने वाली एक कंपनी से 15 लाख महिलाओं का व्यक्तिगत डेटा चुराया था। आरोपी ने कंपनी को धमकी दी कि यदि उसे 1500 डॉलर की रंगदारी नहीं दी जाती, तो वह यह डेटा इस्लामिक देशों को बेच देगा।
- पूर्व मंत्री भी ठगी का शिकार: जयपुर में भाजपा के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी भी साइबर ठगी का शिकार हुए, जब उनके चालक ने साइबर ठगी के तहत 16 लाख रुपये खो दिए।
- सेवानिवृत्त अधिकारी भी नहीं बचे: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी करण सिंह और आईपीएस अधिकारी विजय भी साइबर ठगों के जाल में फंस गए। करण सिंह से 5 लाख रुपये की ठगी की गई, जबकि विजय से 2.25 करोड़ रुपये की ठगी की गई, जिसमें से कुछ पैसे उन्हें वापस मिल गए।
ठगों से बचने की कोशिश: जयपुर के पेंशनधारी बुजुर्ग राजेंद्र कुमार को जब एक कॉल आया और उनके पेंशन खाते की जानकारी मांगी गई, तो उन्हें पत्रिका में साइबर अपराध से जुड़ी खबरें पढ़ने के बाद शक हो गया। उन्होंने ठग को जवाब दिया कि बैंक इस तरह से खाता अपडेट नहीं करता, जिससे ठग के इरादे नाकाम हो गए।
साइबर ठगी के अन्य मामले:
- राजस्थान: साइबर ठगों ने राजस्थान पुलिस के पोर्टल को भी हैक किया और एफआईआर डाउनलोड करके ठगी कर रहे थे। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने यह व्यवस्था बंद कर दी।
- छत्तीसगढ़: साइबर ठगों ने पुलिस की वेबसाइट का भी गलत इस्तेमाल किया, जहां वे लोगों को फर्जी एफआईआर दिखाकर ब्लैकमेल कर रहे थे।
- मध्यप्रदेश: भोपाल में साइबर ठगों ने सरकारी मंत्रालय के कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के जरिए ठगी का शिकार बनाया। ठग कॉल करके सिम कार्ड बंद करने की धमकी देकर लिंक क्लिक करवाते थे।
निष्कर्ष: साइबर ठगी का जाल अब बहुत फैल चुका है, और यह किसी भी व्यक्ति, चाहे वह मंत्री हो या आम नागरिक, को निशाना बना सकता है। इसके लिए सतर्क रहना और सुरक्षा उपायों को अपनाना अत्यंत जरूरी है।