घुनघुटी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आधे दर्जन आवास अधूरे हैं। बैगा बस्तियों में रहने वाले लोगों का कहना है कि किश्त न मिलने के कारण उनके आवास पूरे नहीं हो पा रहे हैं। कई लोग अभी भी आवास का इंतजार कर रहे हैं।
घुनघुटी गांव की कुसुम बैगा सालों से प्रधानमंत्री आवास का इंतजार कर रही हैं। वह एक छोटे से कच्चे मकान में पन्नी लगाकर रह रही हैं। इसी तरह, घुनघुटी की 54 वर्षीय छोटी बाई बैगा भी आवास का इंतजार कर रही हैं। उनका कहना है कि हाल ही में बारिश में उनका मकान गिर गया और घर का सामान भी क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला
छोटी बाई के बेटे माखनलाल बैगा का कहना है कि न तो उन्हें इंदिरा आवास मिला और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला। इसी तरह, बहादुर कोल का प्रधानमंत्री आवास पिछले दो सालों से अधूरा पड़ा है क्योंकि उन्हें किश्त नहीं मिली।
कमलेश नन्ही बैगा का कहना है कि वह लंबे समय से कच्चे मकान में रह रहे हैं, लेकिन उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में आ चुका है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।