डिंडौरी जिले के पश्चिम करंजिया वन क्षेत्र में बाघिन के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं। यह बाघिन लगातार मवेशियों का शिकार कर रही है और बस्तियों के आसपास घूम रही है। गुरुवार को कान्हा से आई 10 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने बोयहरा जंगल में पिंजरा लगाया, लेकिन बाघिन उसमें नहीं फंसी। अब पिंजरे में बकरी रखने की योजना बनाई गई है ताकि बाघिन को पकड़ा जा सके।
रात्रि गश्त पर प्रतिबंध
बाघिन की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कान्हा टाइगर रिजर्व की टीम ने उसके मूवमेंट वाले क्षेत्र में शाम 4 बजे के बाद गश्त और जंगल में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह फैसला बाघिन को पकड़ने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए लिया गया है।
हाथियों का आतंक और फसलें तबाह
पूर्व करंजिया क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है। तरवर टोला के एक खेत में घुसकर हाथियों ने एक बैल को कुचल दिया और कई घरों में तोड़फोड़ की। साथ ही, किसानों की धान की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचाया।
विधायक की मुआवजा बढ़ाने की मांग
करंजिया क्षेत्र के विधायक ओमकार मरकाम ने जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान के एवज में दिए जा रहे मुआवजे को कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की है। वन विभाग ने मुआवजा प्रकरण दर्ज कर प्रभावित ग्रामीणों को तुरंत सहायता देने का आश्वासन दिया है।
छत्तीसगढ़ सीमा पर हाथियों का जमावड़ा
छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे चौरा दादर वन ग्राम के तरवर टोला में जंगली हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है। इन हाथियों ने स्थानीय निवासियों की संपत्ति और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
ग्रामीणों में दहशत
बाघिन और जंगली हाथियों के मूवमेंट से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं। वन विभाग और कान्हा टाइगर रिजर्व की टीम स्थिति पर नजर रखे हुए है और समस्या का समाधान निकालने के प्रयास कर रही है।