
बीएसएफ के जवान हैड कांस्टेबल शंकर लाल गुर्जर (52) की मौत रविवार को हुई। वह 2 महीने बाद रिटायरमेंट लेकर घर लौटने वाले थे, लेकिन उनका पार्थिव शरीर ही घर पहुंचा। जवान शंकर लाल की ड्यूटी बाड़मेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर थी।
जवान ने ड्यूटी पर जाने से पहले अपनी राइफल से खुद को गोली मार ली, जिससे उनकी मौत हो गई। शंकर लाल के घर पहुंचने पर परिवार और गांव में कोहराम मच गया। उनके शव को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव नालोट के मंशया वाली ढाणी लाया गया।
जवान के अंतिम दर्शन के बाद पूरा गांव उमड़ पड़ा और भारत माता के जयकारों के साथ अंतिम विदाई दी गई। बीएसएफ के जवानों ने पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें सलामी दी। शंकर लाल के बेटे श्रवण कुमार ने मुखाग्नि दी।
इस दुखद मौके पर पूर्व सांसद स्वामी सुमेदानंद सरस्वती, भाजपा नेता अजय सिंह खर्रा, श्याम चौधरी और अन्य लोग भी मौजूद रहे। शंकर लाल के परिवार में उनकी पत्नी सुंदरी देवी, मां तारा देवी, बेटी सुमित्रा और बेटा श्रवण कुमार हैं। श्रवण कुमार एसएसबी में कार्यरत हैं। शंकर लाल का स्वभाव मिलनसार था और उनका परिवार इस दुख में टूट चुका है।