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रोडवेजकर्मियों की बाबूगिरी: 650 चालक-परिचालक अनफिट बताकर बिना काम किए रिटायर्ड

समस्या का हाल
राजस्थान रोडवेज में चालक-परिचालकों की कमी के बावजूद 650 कर्मचारी शारीरिक रूप से अनफिट होने का हवाला देकर कार्यालय में आरामदायक काम कर रहे हैं। इनमें से कई बिना रूट पर ड्यूटी किए रिटायर हो गए।

आकड़े और स्थिति

  • कुल चालक: 4055
  • कुल परिचालक: 4439
  • मेडिकल के आधार पर हटाए गए चालक-परिचालक: 650
    • चालक: 450
    • परिचालक: 200

केस स्टडीज़

  1. कोटा डिपो के गिर्राज
    • पैर में फ्रैक्चर के बाद वर्कशॉप का काम दिया गया।
    • अब बिना स्टिक के चलते हैं और बाइक भी चलाते हैं, लेकिन बस चलाने को तैयार नहीं।
    • नयापुरा पूछताछ काउंटर पर तैनात।
  2. कोटा डिपो के बहादुर
    • पैर में फ्रैक्चर के कारण ऑफिस का काम दिया गया।
    • एक साल बाद भी रूट पर नहीं भेजा गया।
    • फिलहाल नयापुरा बुकिंग सेक्शन में कार्यरत।
  3. कोटा डिपो के परिचालक गोविंद मेरोठा
    • टीबी के कारण 28 नवंबर 2022 से बस स्टैंड पर तैनात।
    • रूट पर जाने से बचने के लिए बीमारी का हवाला देते हैं।
    • वर्तमान में टीएम शाखा में कार्यरत।

प्रबंधन की प्रतिक्रिया
राजस्थान रोडवेज के एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि मेडिकल पर चल रहे कर्मचारियों का दोबारा परीक्षण करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सभी डिपो के चीफ मैनेजर से संबंधित कर्मचारियों की सूची मांगी गई है।

कार्रवाई का अभाव

  • यदि कर्मचारी अनफिट घोषित हो जाते हैं, तो फिट होने के बाद भी उनसे प्रमाण पत्र नहीं लिया जाता।
  • इस लापरवाही के चलते कई कर्मचारी लंबे समय तक अपने पद के विपरीत काम करते रहते हैं।
  • अन्य कर्मचारियों की शिकायत के बावजूद फिट हो चुके कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

निष्कर्ष
राजस्थान रोडवेज को चालक-परिचालकों की कमी से जूझना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते मेडिकल का बहाना बनाकर कई कर्मचारी काम से बच रहे हैं। यह स्थिति रोडवेज की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रही है और सुधार के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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