मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए। उनकी विदाई पर भोपाल के लाल परेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में विशेष परेड का आयोजन हुआ। इस परेड की कमान उनकी बेटी और भोपाल की डीसीपी इंटेलिजेंस सोनाक्षी सक्सेना ने संभाली।
सुधीर सक्सेना ने नवनियुक्त डीजीपी कैलाश मकवाना को बेटन सौंपकर पदभार सौंपा। कैलाश मकवाना ने शाम को डीजीपी का पद संभाला, हालांकि वे औपचारिक रूप से 2 दिसंबर को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
सुधीर सक्सेना का कार्यकाल
- डीजीपी सक्सेना ने अपने कार्यकाल में पुलिस बल के समर्पण और सहयोग की सराहना की।
- उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस देश की सबसे बेहतरीन पुलिस है।
- उन्होंने अपराधों पर नियंत्रण, महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के खिलाफ अपराधों में कमी लाने और नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का जिक्र किया।
- नक्सली मुठभेड़ों में पिछले ढाई वर्षों में अधिक सफलता मिली है।
कैलाश मकवाना बने नए डीजीपी
1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्यप्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है।
- वर्तमान में वे मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष थे।
- मकवाना ने भोपाल से बीई और दिल्ली आईआईटी से एमटेक किया है।
- उन्होंने दुर्ग, मुरैना, बस्तर और मंदसौर जैसे संवेदनशील जिलों में एसपी के रूप में सेवाएं दी हैं।
- इंटेलिजेंस शाखा में डीआईजी और एडीजी के पद पर रहते हुए उन्होंने बेहतरीन कार्य किए।
आशाएं और चुनौतियां
कैलाश मकवाना से प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाने और पुलिसिंग में नए बदलाव लाने की उम्मीद है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी दक्षता से निभाएंगे।
निष्कर्ष
सुधीर सक्सेना की विदाई परेड ने मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों को दर्शाया। वहीं, नए डीजीपी कैलाश मकवाना के नेतृत्व में प्रदेश पुलिस से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।