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मेरी डिग्री, मेरा टाइम: अब ग्रेजुएशन के दौरान विद्यार्थियों को मिलेगा समय की आजादी

यूजीसी ने नए नियम के तहत विद्यार्थियों को ग्रेजुएशन के समय को घटाने या बढ़ाने का विकल्प दिया है। अब विद्यार्थी अपनी डिग्री को तीन या चार साल में पूरा करने के बजाय कम या ज्यादा समय में भी पूरा कर सकते हैं।

इस बदलाव के तहत यूजीसी ने एडीपी (एक्सीलेटर डिग्री प्रोग्राम) और ईडीपी (एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम) के विकल्प की मंजूरी दी है। एडीपी के तहत विद्यार्थी जल्दी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं, जबकि ईडीपी के तहत विद्यार्थी ज्यादा समय लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने इस बदलाव को मंजूरी दी है, जिससे विद्यार्थियों को ज्यादा लचीलापन मिलेगा। अब विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के समय को अपनी आवश्यकता और क्षमता के अनुसार घटा या बढ़ा सकते हैं, और दोनों ही विकल्पों की डिग्री की मान्यता समान होगी।

इस प्रणाली के तहत, विद्यार्थी अपने पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी या ईडीपी का विकल्प चुन सकते हैं। एडीपी में विद्यार्थी अधिक क्रेडिट लेकर जल्दी अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं, जबकि ईडीपी में कम क्रेडिट लेकर अधिक समय ले सकते हैं।

इस बदलाव से पढ़ाई का तनाव कम होगा, और विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ जॉब, इंटर्नशिप या पर्सनल स्किल्स पर भी ध्यान दे सकेंगे। इसके अलावा, यह भारतीय डिग्री की वैश्विक मान्यता को भी बढ़ावा देगा।

हालांकि, इस प्रणाली को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं, जैसे क्रेडिट सिस्टम को शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुसार बनाना और प्रैक्टिकल विषयों की व्यवस्था में बदलाव।

यह बदलाव भारत में उच्च शिक्षा के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, और इससे भारतीय डिग्रियों की वैश्विक स्तर पर पहचान बढ़ेगी।

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