टनल की खासियतें
- सुरंग 4.9 किलोमीटर लंबी है।
- यह 8 लेन की है और साउंडप्रूफ और वाटरप्रूफ बनाई जा रही है।
- हर ट्यूब में 15 मीटर चौड़ा रास्ता है, जिसकी ऊंचाई 11 मीटर है।
- दोनों ट्यूब को अंदर 9 जगहों पर जोड़ा गया है, ताकि आपात स्थिति में उपयोग किया जा सके।
- सुरंग में 4 ले-बाय बनाए गए हैं, जहां गाड़ियों को जरूरत पड़ने पर रोका जा सकता है।
कार्य प्रगति की स्थिति
टनल का काम पहले जनवरी 2024 तक पूरा होना था, लेकिन देरी के कारण इसे फरवरी 2025 तक खींच दिया गया। वन्यजीव क्षेत्र होने के चलते स्वीकृति में देरी हुई और मलबे के निस्तारण में भी समस्या आई।
गोपालपुरा से लबान तक ट्रैफिक शुरू
गोपालपुरा से लबान के बीच का हिस्सा तैयार है। परीक्षण हो चुका है और उच्च स्तर से हरी झंडी मिलते ही ट्रैफिक चालू कर दिया जाएगा। सवाई माधोपुर खंड के कुछ हिस्से का काम जारी है, जिसे अगले दो से तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद कोटा से दिल्ली तक का एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा।
मॉडर्न तकनीक का उपयोग
- सुरंग में SCADA सिस्टम लगाया जाएगा।
- यह सिस्टम सीसीटीवी से पूरी सुरंग की मॉनिटरिंग करेगा।
- किसी भी गाड़ी के रुकने पर तुरंत टीम सहायता के लिए पहुंचेगी।
- खराबी की स्थिति में गाड़ी को ले-बाय में खड़ा कर समस्या हल की जाएगी।
टनल निर्माण की विशेष प्रक्रिया
टनल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 500 मीटर पहले से शुरू होकर 500 मीटर आगे तक जाएगी। दोनों ट्यूब में आने-जाने के लिए 4-4 लेन का ट्रैफिक गुजरेगा। निर्माण कार्य सुचारू रूप से जारी है।
संदीप अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई कोटा:
“टनल का 70% काम पूरा हो गया है। गोपालपुरा से लबान तक ट्रैफिक चालू करने की तैयारी पूरी है।