यह घटना तब घटी जब सरपंच हरभजन सिंह के अलावा कुछ और लोग गांव के स्कूल में पंचायती जमीन की बोली में शामिल थे। गुरजीत सिंह ने 13.5 लाख में जमीन की बोली दी थी। हरी सिंह, जो जमीन खरीदने के इच्छुक थे, ने यह कहते हुए बोली नहीं दी कि गुरजीत सिंह को ठेका दे दिया जाए। इस पर गुरजीत सिंह ने गुस्से में आकर हरी सिंह को कहा कि पिछले साल जमीन की बोली उसे मिली थी और इस बार भी वह जीतने वाला था।
सरपंच हरभजन सिंह ने गुरजीत सिंह को आपत्तिजनक भाषा बोलने से मना किया, जिसके बाद गुरजीत सिंह ने सरपंच से धक्का-मुक्की की। इस दौरान गुरजीत सिंह के साथी कश्मीर सिंह ने रिवॉल्वर निकाली और सरपंच पर दो गोलियां चला दीं। सरपंच ने बुर्जी के पीछे जाकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी फरार है।