भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा मुकाबला 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में खेला जाएगा। यह मैच डे-नाइट टेस्ट होगा, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल होगा।
इससे पहले भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया को गुलाबी गेंद खेलने को लेकर अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि पिंक बॉल और रेड बॉल में क्या अंतर है और पिंक बॉल से बल्लेबाजी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शाम के समय बल्लेबाजी सबसे मुश्किल
पुजारा ने कहा, “गुलाबी गेंद से खेलने का सबसे चुनौतीपूर्ण समय शाम का होता है। उस समय रोशनी पूरी तरह नहीं होती और अंधेरा भी नहीं होता। स्टेडियम की लाइट्स चालू होने पर दृश्यता थोड़ी कम हो जाती है, जिससे बल्लेबाजी कठिन हो जाती है।”
लाल और गुलाबी गेंद का अंतर
पुजारा ने समझाया कि लाल गेंद जल्दी पुरानी हो जाती है, जबकि गुलाबी गेंद में पेंट की कई परतें होती हैं, जिससे इसकी चमक लंबे समय तक बनी रहती है। उन्होंने कहा, “गुलाबी गेंद सीम पर गिरने पर या चमकीले हिस्से पर टकराने पर ज्यादा हरकत करती है। बल्लेबाज को कम समय में प्रतिक्रिया करनी पड़ती है, जो लाल गेंद के मुकाबले अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।”
पिच पर गेंद की हरकत ज्यादा होती है
पुजारा ने बताया कि पिंक बॉल की खासियत यह है कि यह ज्यादा समय तक नई रहती है। जब गेंद सीम या पिच के किसी हिस्से पर गिरती है तो इसकी मूवमेंट अधिक होती है। ऐसे में बल्लेबाज को सावधानीपूर्वक खेलना होता है और अपनी तकनीक में बदलाव करना पड़ता है।
पुजारा का सुझाव
चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया को सलाह दी है कि गुलाबी गेंद के साथ खेलने की रणनीति और तकनीक को समझना बेहद जरूरी है। खासतौर पर शाम के समय सावधानी से खेलने की जरूरत है।
निष्कर्ष:
भारत के इस अनुभवी बल्लेबाज की सलाह डे-नाइट टेस्ट में टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। एडिलेड में होने वाले इस मुकाबले में पिंक बॉल का सही इस्तेमाल करना दोनों टीमों के लिए जीत का प्रमुख कारण बन सकता है।