आज कंप्यूटर, रोबोट और एआई का दौर है। घर से लेकर दफ्तर तक हर काम कंप्यूटर और लैपटॉप पर हो रहा है। लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में केवल 25% और राजस्थान में 30% युवा ही कंप्यूटर साक्षर हैं। स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा औपचारिकता बनकर रह गई है।
आरजीसीएसएम स्किल कोटा के चेयरमैन केपी सिंह बताते हैं कि इस साल भारत में 15 साल से अधिक उम्र के केवल 25% युवा कंप्यूटर साक्षर हैं। पिछले साल राजस्थान में यह आंकड़ा 24% था, जो अब बढ़कर 30% हुआ है।
केंद्र और राज्य सरकारों को गांव-ढाणी में कंप्यूटर सिखाने के लिए केंद्र खोलने की जरूरत है। इसके लिए राज्य सरकार “महिला डिजिटल दीदी प्रोजेक्ट” शुरू करने की योजना बना रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को 3 महीने का पाठ्यक्रम सिखाया जाएगा। इसमें ईमेल चलाना, सोशल मीडिया का उपयोग और फ्रॉड मैसेज से बचने की जानकारी दी जाएगी। यह योजना 1 से 1.5 लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखती है।
युवाओं में कंप्यूटर की बढ़ती रुचि
वीएमओयू के परीक्षा नियंत्रक बी. अरुण कुमार के अनुसार, युवाओं को कंप्यूटर सिखाने के लिए आरएससीआईटी परीक्षा आयोजित की जाती है। साल में 4 बार होने वाली इन परीक्षाओं में हर साल करीब 6 से 6.5 लाख युवा शामिल होते हैं, जिनमें से 70% परीक्षा पास करते हैं। यह तीन महीने का कोर्स है, जिसमें कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी दी जाती है।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का उद्देश्य
हर साल 2 दिसंबर को विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनियाभर में कंप्यूटर और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना है। आज के युग में कंप्यूटर और इंटरनेट का ज्ञान न केवल शिक्षा और रोजगार के लिए, बल्कि दैनिक जीवन के लिए भी जरूरी हो गया है। इस दिन का मुख्य मकसद हर उम्र और वर्ग के लोगों तक कंप्यूटर की जानकारी पहुंचाना है।