
शहडोल के मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीजों को बाजार से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
गंदगी और दूषित पानी का संकट:
- टंकी के आसपास गंदगी: कैजुअल्टी वार्ड के पास बनी पानी टंकी की सफाई नहीं होने से दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। इसके आसपास गंदगी और दुर्गंध से लोग परेशान हैं।
- पानी का उपयोग: दूषित पानी पीने के बजाय लोग इसका उपयोग नहाने और कपड़े धोने में कर रहे हैं।
वाटर कूलर भी खराब:
- मेडिकल कॉलेज में 4 स्थानों पर वाटर कूलर लगाए गए हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में वे काम नहीं कर रहे।
- हॉस्टल में भी यही हाल है, जहां वाटर कूलर महीनों से बंद पड़े हैं। छात्रों को पीने का पानी लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
संक्रमण का खतरा:
मरीज और परिजन दूषित पानी पीने से संक्रमण और बीमारियों की शिकायत कर रहे हैं।
- गुलबिया बाई (मरीज के परिजन): दूषित पानी से खांसी और सर्दी की शिकायत हो रही है।
- बुल्ली बाई (मरीज के परिजन): टंकी का पानी कपड़े धोने और नहाने के लिए ही उपयोग कर सकते हैं।
अधिकारियों का दावा:
- अस्पताल अधीक्षक डॉ. नागेन्द्र सिंह ने कहा है कि वाटर कूलरों के मेंटेनेंस का काम जारी है और जल्द ही शुद्ध पेयजल की समस्या का समाधान हो जाएगा।
निष्कर्ष: मेडिकल कॉलेज में पेयजल की समस्या को लेकर मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधन द्वारा जल्द समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।