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नवाचार: सरसों की खेती और मधुमक्खी पालन से किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

कस्बाथाना: सरसों और मधुमक्खी पालन से बढ़ेगी आय

कस्बाथाना क्षेत्र में किसान सरसों की फसल के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का काम भी कर रहे हैं। तलहटी क्षेत्रों जैसे सेमली, कुंजाय, संदोकड़ा, टांडा काछियान में किसान मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स लगाकर कच्चे शहद का संग्रहण कर रहे हैं। इस व्यापार से किसानों को बड़े मुनाफे की संभावना है।

अगर मधुमक्खी पालन में 20 बॉक्स लगाए जाएं तो एक साल में किसान एक लाख रुपए तक कमा सकते हैं। जैसे-जैसे कॉलोनियां बढ़ती हैं, शहद का कारोबार भी मुनाफे में बढ़ता जाता है। इस साल सरसों के फ्लोरा आने से पहले ही किसान मधुमक्खी पालन की तैयारी में जुटे हैं, ताकि सरसों के फ्लोरा से कच्चा शहद संग्रहित किया जा सके।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि दिसंबर से सरसों में फ्लोरा आना शुरू हो जाता है, और सरसों की फसल कटने के बाद किसान वर्सीम भी डालते हैं, जिससे अप्रैल से मई तक मधुमक्खियों को फ्लोरा मिलता है।

कस्बाथाना क्षेत्र में 2957 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई की गई है। सरसों से किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है, और मधुमक्खियां सरसों की फसल का परागण करती हैं, जिससे फसल का उत्पादन भी बढ़ता है।

राजकुमार मेहता, सहायक कृषि अधिकारी, कस्बाथाना

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