स्वास्थ्य परीक्षण से मिले चर्म रोग के मामले
अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच जिले के विभिन्न विकासखंडों में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में 754 बच्चों में चर्म रोग की समस्या पाई गई। इनमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों के विद्यार्थी शामिल हैं। अधिकतर बच्चों का इलाज स्थानीय स्तर पर किया गया है, जबकि गंभीर मामलों में 17 बच्चों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी आईं सामने
जांच के दौरान यह भी पता चला कि 145 बच्चों की आंखों की रोशनी कमजोर है। ऐसे बच्चों को चश्मे उपलब्ध कराए गए और उनके खानपान में सुधार के लिए परिजनों को सुझाव दिए गए। इसके अलावा बच्चों में त्वचा और कान संबंधी अन्य संक्रमण भी पाए गए, जिनका इलाज किया जा रहा है।
प्रदूषण बना चर्म रोग का बड़ा कारण
कोरबा जिले में बढ़ता प्रदूषण, जैसे कोल डस्ट और थर्मल प्लांट्स से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, चर्म रोग की मुख्य वजह बन रहे हैं। दूषित पानी में नहाने और गंदगी के संपर्क में आने से यह समस्या बढ़ रही है।
2188 स्कूलों में हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
अब तक जिले के 2188 स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। इसमें प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, और हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार बच्चों की देखभाल कर रहा है और जरूरत पड़ने पर हायर सेंटर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चों के इलाज के साथ-साथ प्रदूषण की समस्या को भी नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।