2011 में नगर निगम ने जयसिंहपुरा खोर की सरकारी जमीन (खसरा नंबर 314/1) पर पीटी सर्वे किया और तार बाउंड्री लगाकर निगम की संपत्ति का बोर्ड लगाया था। इसके बावजूद अतिक्रमणकारियों ने धीरे-धीरे उस जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया और अब यहां कई अवैध निर्माण हो चुके हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता युगल किशोर भारद्वाज की याचिका पर 2022 में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक नगर निगम ने अवैध निर्माण नहीं हटाए हैं।
स्थानीय पार्षद सुरेश सैनी ने बताया कि वह कई बार नगर निगम प्रशासन को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक बालमुकुंद आचार्य और कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव से भी शिकायत की, जिन्होंने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पार्षद ने कहा कि यदि जल्द ही अतिक्रमण हटाया नहीं गया, तो वह आम जनता के साथ नगर निगम प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
पार्षद ने यह भी बताया कि जयसिंहपुरा क्षेत्र में कोई सरकारी हॉस्पिटल नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पतालों में जाना पड़ता है। इलाके में आए दिन हादसे होते रहते हैं, इसलिए इस सरकारी जमीन पर हॉस्पिटल बनाने की मांग की जा रही है, ताकि लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
नगर निगम आयुक्त अरूण कुमार हसीजा ने कहा कि सेटलमेंट विभाग से इस जमीन का नाप कराने की मांग की गई है, ताकि कोर्ट के आदेशों को लागू किया जा सके, लेकिन अभी तक सेटलमेंट विभाग से कोई जवाब नहीं आया है।