यह मामला राजस्थान पत्रिका द्वारा 4 नवंबर को प्रकाशित किया गया था, जिसमें प्रशासन की चुप्पी से अतिक्रमणकर्ताओं के हौसले का बढ़ना बताया गया था। इसके बाद जिला कलक्टर के निर्देश पर 6 नवंबर को कार्रवाई की योजना बनाई गई। तहसीलदार अमितेश कुमार मीना और अन्य अधिकारियों की टीम ने अतिक्रमणों की पहचान की, लेकिन पुलिस जाब्ता न मिलने के कारण कार्रवाई टल रही थी।
कार्रवाई की प्रक्रिया:
प्रशासनिक टीम ने सुबह 11 बजे जेसीबी और अन्य संसाधनों के साथ मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाना शुरू किया। यह कार्रवाई करीब एक घंटे तक चली। जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. राजकुमार सेहरा ने बताया कि निर्माणाधीन अस्पताल भवन के बाहर की दीवार पर अतिक्रमण किया गया था, जिससे रंग रोगन, टाइल्स लगाने और पौधारोपण का काम रुक गया था।
तारबंदी की योजना:
अधिकारियों ने बताया कि अब से कोई भी अतिक्रमण न हो, इसके लिए पिल्लर लगाकर तारबंदी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यदि कोई फिर से अतिक्रमण करने का प्रयास करेगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।