पहले चरण में 8 बस स्टैंड शामिल
इस योजना के तहत पहले चरण में भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बीकानेर, ब्यावर और बूंदी के बस स्टैंड शामिल किए गए हैं। इन बस स्टैंडों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए सलाहकार कंपनी नियुक्त की गई है, जो इसके लिए योजना तैयार कर रही है।
क्यों है इसकी जरूरत?
- रोडवेज हर महीने 90 करोड़ रुपए के घाटे में है।
- रोडवेज के पास सौंदर्यकरण के लिए फंड नहीं है।
- रोडवेज के पास मौजूद करोड़ों की जमीन को व्यावसायिक उपयोग में लाकर आय बढ़ाने और बस स्टैंड का सौंदर्यकरण करने की योजना बनाई गई है।
क्या मिलेंगी सुविधाएं?
- बस स्टैंड पर रेस्टोरेंट, कैफे, एसी वेटिंग हॉल, एटीएम, और सुलभ शौचालय जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
- यात्रियों और आम लोगों के लिए चार मंजिला इमारत बनाई जाएगी।
- मॉल की तरह अन्य आधुनिक सुविधाएं भी यहां उपलब्ध होंगी।
- बस स्टैंड को स्थानीय संस्कृति और हैरिटेज लुक के आधार पर विकसित किया जाएगा।
निजी कंपनियों की भूमिका
इस योजना को पीपीपी (बीओटी) मोड पर लागू किया जा रहा है।
- निजी डवलपर्स को आमंत्रित किया जाएगा।
- कंपनियां बस स्टैंड विकसित करेंगी और एक हिस्से में मॉल आदि बनाकर व्यावसायिक उपयोग करेंगी।
- रोडवेज बस संचालन दूसरे हिस्से में होगा।
- कंपनियां पूरे बस स्टैंड का रखरखाव करेंगी।
एमडी रोडवेज का बयान
पुरुषोत्तम शर्मा, एमडी रोडवेज ने बताया कि बस स्टैंडों को आधुनिक बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि रोडवेज की आय भी बढ़ेगी।