छत्तीसगढ़ में उड़न गिलहरी का शिकार करने वाले दो शिकारियों को वन विभाग ने गिरफ्तार किया है। शिकारियों ने सुना था कि उड़न गिलहरी का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है, इसलिए उन्होंने गुलेल से उसे पेड़ों से नीचे गिराकर पकड़ा और खा लिया।
यह घटना सीतानदी क्षेत्र में घटी, जहां उड़न गिलहरी की एक अच्छी आबादी पाई जाती है। वन विभाग ने इन शिकारियों को पकड़ने के लिए कई प्रयास किए। ये शिकारियों के पास से दो गुलेल, 71 गोटियां और एक बड़ा टॉर्च मिला। इन शिकारियों ने कबूल किया कि उन्होंने उड़न गिलहरी का शिकार किया और उसे अपने कुत्तों की मदद से पेड़ों से नीचे गिराया।
उड़न गिलहरी, जिसे भारतीय विशाल गिलहरी भी कहा जाता है, एक शाकाहारी प्राणी है। यह गिलहरी 180 से 2300 मीटर की ऊंचाई पर पाई जाती है और यह बहुत ऊंचे पेड़ों पर अपना घोंसला बनाती है। इनका मुख्य आहार फल, फूल और पेड़ों की छाल होता है। यह प्रजाति वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की सूची में शामिल है, और इसके शिकार पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
पिछले साल जून में भी इसी तरह के एक मामले में शिकारियों ने उड़न गिलहरी का शिकार किया था। वन विभाग ने शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है और उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।