अस्पताल में रोजाना औसतन 3500 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं, जबकि भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी 150 से 200 तक पहुंच रही है। अस्पताल में 18 वार्ड और 600 बेड की क्षमता है, लेकिन मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण यह क्षमता कम पड़ रही है। जनाना विंग में भी स्थिति गंभीर हो गई है, जहां एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों को अब अस्पताल में भर्ती करने के बजाय डे-केयर में इलाज दिया जा रहा है, ताकि अस्पताल पर दबाव कम हो सके। अस्पताल की इमरजेंसी में भी जगह की कमी हो रही है, और शिफ्टिंग के बाद मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा कि वार्ड की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ अधिक स्टाफ की भी जरूरत है, ताकि मरीजों का उचित इलाज किया जा सके।