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फर्जी दस्तावेज से चुनाव लड़ने पर पूर्व सरपंच को 5 साल की सजा

बीजाथल ग्राम पंचायत का मामला

राजस्थान के मेड़ता सिटी में 2015 के पंचायत चुनावों में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज प्रस्तुत कर चुनाव लड़ने और सरपंच पद पर जीतने वाली राधा देवी (36) को कोर्ट ने 5 साल के कठोर कारावास और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनलाल बालोटिया ने सुनाया।

फर्जी टीसी से लड़ा चुनाव

राधा देवी, अखावास निवासी और लिखमाराम की पत्नी, ने 2015 में बीजाथल ग्राम पंचायत के सरपंच पद के लिए 8वीं पास होने का फर्जी प्रमाणपत्र (टीसी) प्रस्तुत किया था। शिकायत के बाद जांच में प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया। 9 साल तक कोर्ट में चली सुनवाई के बाद राधा देवी को दोषी ठहराया गया और न्यायालय से ही हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

पहले भी हुए हैं ऐसे मामले

इससे पहले गुंदीसर की पूर्व सरपंच मैना चौधरी और मोगास सरपंच सुरेंद्र कंवर को भी फर्जी दस्तावेज के मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।

ढींगसरा सरपंच निलंबन पर हाईकोर्ट की रोक

ढींगसरा के सरपंच दुर्गाराम सारण पर सार्वजनिक टांका निर्माण में सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप था। हालांकि, बाद में राशि वापस ग्राम पंचायत में जमा कर दी गई। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में सरपंच के निलंबन पर रोक लगाई है। मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी।

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