महासमुंद जिले के 182 में से 102 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से ज्यादा धान भरा हुआ है। धान की आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे खरीदी व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। समितियों ने समय पर धान उठाने की मांग की है।
धान खरीदी का आंकड़ा
जिले में करीब 1 लाख 63 हजार किसान पंजीकृत हैं। अब तक 38 हजार 275 किसानों से 18 लाख 57 हजार 718 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। बागबाहरा ब्लॉक में सबसे ज्यादा 9147 किसानों से 4 लाख 52 हजार 284 क्विंटल धान की खरीदी हुई है।
फड़ों में जगह की कमी
धान की आवक बढ़ने से जगह की कमी होने लगी है। दिसंबर में अधिक किसान धान बेचने आएंगे, जिससे समस्या और बढ़ सकती है। खराब मौसम के कारण धान सुरक्षित रखना भी मुश्किल हो गया है।
बुधवार से धान उठाव शुरू
जिला विपणन अधिकारी टिकेंद्र राठौर ने बताया कि बुधवार से धान उठाव शुरू हो गया है। 3 दिसंबर तक अवैध भंडारण और परिवहन पर कार्रवाई करते हुए 181 बोरा (72.4 क्विंटल) धान जब्त किया गया है।
अवैध धान परिवहन पर कार्रवाई
जिले में अवैध धान परिवहन के खिलाफ 9 नवंबर से सख्त कार्रवाई हो रही है। अब तक 76 मामलों में 5653.60 क्विंटल धान और 6 वाहन जब्त किए गए हैं। सीमावर्ती इलाकों में जांच चौकियां लगाई गई हैं।
धान खरीदी के आंकड़े (ब्लॉक अनुसार)
- बागबाहरा: 9147 किसान, 452284 क्विंटल
- पिथौरा: 6982 किसान, 361567 क्विंटल
- बसना: 5834 किसान, 275721 क्विंटल
- महासमुंद: 8849 किसान, 418751 क्विंटल
- सरायपाली: 7633 किसान, 374298 क्विंटल
ऋण वसूली और मांग
किसानों को खरीफ फसल के लिए 426 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था। अब तक 95 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। समिति ने कलेक्टर से धान उठाव में तेजी लाने की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 7 दिनों के भीतर धान का परिवहन नहीं हुआ, तो खरीदी बंद करनी पड़ सकती है।