हाईकोर्ट ने हाथ पर टैटू का निशान होने के कारण केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स की कांस्टेबल भर्ती से बाहर किए गए अभ्यर्थी को राहत दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए और एक पद खाली रखा जाए। साथ ही, परिणाम सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करने को कहा गया। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
क्या है मामला?
अभ्यर्थी दिलखुश बैरवा ने सीएपीएफ में कांस्टेबल जीडी के पद के लिए आवेदन किया था। परीक्षा और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में पास होने के बावजूद, हाथ पर टैटू के निशान के कारण उसे अनफिट घोषित कर भर्ती से बाहर कर दिया गया।
याचिकाकर्ता का पक्ष
अधिवक्ता सुनील कुमार सैनी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के परिजनों ने बचपन में उसके हाथ पर उसका नाम गुदवाया था। टैटू हटाने के बाद भी निशान रह गए, जिसकी वजह से उसे भर्ती से बाहर कर दिया गया।
कोर्ट का आदेश
न्यायाधीश समीर जैन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से भर्ती में शामिल किया जाए। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि भर्ती प्रक्रिया में एक पद खाली रखा जाए, ताकि याचिकाकर्ता के अधिकार सुरक्षित रहें।