सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि कोंडागांव और पूरे बस्तर संभाग में अन्य प्रदेशों और देशों से लोग आकर शरण ले रहे हैं, जो घुसपैठी का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को भी तत्काल रोका जाए।
साथ ही, समाज ने कोंडागांव में मुस्लिम समाज द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया और कहा कि शोषण करने वाले अपराधियों को बढ़ावा देने की बजाय उनकी कड़ी निंदा की जाए। समाज ने यह भी मांग की कि नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, खासकर उन लोगों के खिलाफ जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी प्राप्त की है।
साथ ही, तृतीय और चतुर्थ वर्ग की सरकारी भर्तियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देने और आरक्षण के प्रावधानों पर भी चर्चा की गई।