हाईकोर्ट ने मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए शासन को निर्देश दिया है कि 13 सितंबर 2021 के निर्णय के अनुसार समिति की बैठक कर आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता खिलेश्वरी साहू, सिद्धार्थ सिंह परिहार, अश्वनी सोनवानी, त्रिवेणी यादव, और बिंद्रा आदित्य के पति छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में शिक्षाकर्मी के पद पर कार्यरत थे।
- सेवाकाल के दौरान इन शिक्षाकर्मियों का निधन हो गया।
- इनके आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया।
- विभाग ने इन आवेदनों को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि आवेदकों के पास बीएड, डीएड की डिग्री और शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की योग्यता नहीं है।
कोर्ट का फैसला
- याचिकाकर्ताओं ने विभाग के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
- जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की।
- कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए 13 सितंबर 2021 को समिति बनाई गई थी।
- याचिकाकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे चतुर्थ श्रेणी के पद पर काम करने के लिए भी तैयार हैं।
कोर्ट का निर्देश
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा:
- याचिकाकर्ताओं के पति या पिता ग्रेड 1 और ग्रेड 3 के शिक्षाकर्मी थे।
- वर्तमान में शिक्षाकर्मियों के पद उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन याचिकाकर्ताओं को अन्य पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है।
- समिति को निर्देश दिया गया है कि दो महीने के अंदर बैठक कर याचिकाकर्ताओं के आवेदन का निपटारा किया जाए और उनकी योग्यता के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
निष्कर्ष
यह फैसला मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों के लिए एक बड़ी राहत है और अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और संवेदनशीलता लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।