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फ्री के जाल से सावधान: साइबर ठगी से बचाव के उपाय

साइबर धोखाधड़ी और पत्रिका रक्षा कवच अभियान
साइबर जालसाज अक्सर फ्री के लालच का जाल बिछाकर लोगों को ठगते हैं। पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी ने कर्मचारियों को बताया कि ऐसे मैसेज या लिंक पर कभी क्लिक न करें, जो मुफ्त में कुछ देने या लॉटरी जीतने का दावा करते हैं। यह धोखाधड़ी का सबसे आसान तरीका है।

साइबर ठगी के आम तरीके

  1. फ्री गिफ्ट या लॉटरी का झांसा।
  2. फोन और वीडियो कॉल के जरिए ठगी।
  3. संदिग्ध लिंक भेजकर डेटा चुराना।

साइबर सुरक्षा के उपाय

  1. मजबूत पासवर्ड बनाएं: 12-16 कैरेक्टर का पासवर्ड रखें, जिसमें अपर और लोअर केस, नंबर और विशेष चिन्ह शामिल हों।
  2. हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं।
  3. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें।
  4. प्राइवेसी सेटिंग्स का इस्तेमाल करें: अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की जानकारी सीमित रखें।
  5. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  6. पब्लिक वाई-फाई से बचें: ऑनलाइन बैंकिंग जैसे काम पब्लिक वाई-फाई पर न करें।
  7. संदिग्ध ईमेल और मैसेज से सावधान रहें।

साइबर ठगी होने पर क्या करें?

  1. तुरंत अपने बैंक के कस्टमर केयर को सूचना दें और ट्रांजेक्शन ब्लॉक या रिवर्स करने का अनुरोध करें।
  2. साइबर क्राइम में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
  3. नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

कर्मचारियों के अनुभव

  • एमपी द्विवेदी: बेटे की नौकरी के नाम पर वीडियो कॉल से ठगने की कोशिश की गई, लेकिन समय रहते समझ गया।
  • महेंद्र शर्मा: साइबर ठगी समाज की बड़ी समस्या है। पत्रिका की यह मुहिम सराहनीय है।
  • निहाल सिंह: मेरे बेटे के पास फोन आया कि वह फ्रॉड में फंसा है। ठगों का यह तरीका बेहद चालाकी भरा है।
  • गौरीशंकर मालवीय: पत्रिका की जागरूकता मुहिम से लोगों में सुरक्षा की समझ बढ़ रही है।
  • सुधीर भार्गव: मेरी बेटी को लेकर फोन आया कि उसने फ्रॉड किया है, और बच्ची की आवाज सुनाई गई।
  • एलएन कैलासिया: सायबर क्राइम के खिलाफ जागरूक रहकर ही लड़ाई लड़ी जा सकती है।

निष्कर्ष
साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें। पत्रिका रक्षा कवच अभियान इस दिशा में एक प्रभावी कदम है, जो लोगों को जागरूक बना रहा है।

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