छत पर रात गुजारी
बोतली गांव में रत्थू सिंह राठिया के मकान के पास हाथियों का झुंड पहुंच गया। रत्थू सिंह अपने परिवार (पत्नी और बच्चों) के साथ छत पर चढ़कर जान बचाने में सफल रहा। इस दौरान हाथियों ने उनके खेतों में खड़ी 50 डिसमिल फसल को नुकसान पहुंचाया। ठंड भरी रात में परिवार ने छत पर अलाव जलाकर किसी तरह रात बिताई।
पेड़ पर चढ़कर बचाई जान
हाथियों का झुंड बोतली से पीडिया गांव की ओर बढ़ गया। वहां खेत की रखवाली कर रहे मधु को हाथियों ने घेर लिया, जिससे वह डरकर पेड़ पर चढ़ गया। पूरी रात मधु पेड़ पर ही रहा। सुबह ग्रामीणों ने साहस दिखाकर हाथियों को खदेड़ा और मधु को सुरक्षित नीचे उतारा।
हाथियों का आतंक और फसलों का नुकसान
हाथियों का दल लगातार बोतली, टेंगनमार, नवापारा, घिनारा और पीडिया के जंगलों में घूम रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हाथी दिन में जंगल में रहते हैं और रात को खेतों में आकर फसलों को तहस-नहस कर देते हैं।
- कई किसानों ने अपनी धान की फसल पकने से पहले ही काट ली ताकि हाथी उसे नुकसान न पहुंचाएं।
- हाथियों ने धान और केले के पौधों को बर्बाद कर दिया।
- वन विभाग के अधिकारी नुकसान का आंकलन कर रहे हैं, लेकिन हाथियों को रोकने में विफल रहे।
क्षेत्र में दहशत का माहौल
ग्रामीणों ने हाथियों को रोकने के लिए ट्रैक्टर, मशाल और अन्य उपाय किए, लेकिन उनके प्रयास असफल रहे। इससे पहले, इसी झुंड ने सिर्री और अमलीबहरा में 12 मवेशियों को मार डाला था। हाथियों के आतंक से पूरा क्षेत्र भयभीत है।
ग्रामीणों की सुरक्षा और हाथियों के हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।