
गुरुवार शाम हुई तेज बारिश के कारण सुकमा जिले के छिंदगढ़ धान खरीदी केंद्र में अव्यवस्था का नजारा देखने को मिला। बारिश के कारण कई क्विंटल धान की बोरियां भीग गईं। खरीदी केंद्र में धान को चबूतरे पर रखने के बजाय जमीन पर रखा गया, जिससे धान को नुकसान हुआ।
प्रभारी को फटकार, सुधार के निर्देश
शुक्रवार को जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी गौरव शर्मा ने केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने खरीदी केंद्र प्रभारी को लापरवाही के लिए फटकार लगाई और तुरंत अव्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही भीगे हुए धान को सुखाने और उसे नए बारदाने में भरने का आदेश दिया।
धान की खरीदी बंद
दो दिनों (शनिवार और रविवार) के अवकाश के कारण धान खरीदी बंद रहेगी। इस दौरान भीगा हुआ धान सुखाकर पुनः व्यवस्थित किया जाएगा। अब तक 44 किसान धान बेच चुके हैं, लेकिन गुरुवार की बारिश के बाद शुक्रवार को किसी भी किसान का धान नहीं खरीदा जा सका।
बारिश से बढ़ी समस्या
बारिश के कारण कई अन्य खरीदी केंद्रों में भी धान की बोरियां भीग गईं। धान भीगने से उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है, जिससे मिलर्स इसे खरीदने में संकोच करते हैं।
त्रिपाल का सही उपयोग नहीं
धान की सुरक्षा के लिए त्रिपाल उपलब्ध हैं, लेकिन उनका सही तरीके से उपयोग नहीं किया जा रहा। पुराने त्रिपाल का उपयोग किया जा रहा है, जबकि नए त्रिपाल गोदाम में रखे हुए हैं। इससे धान को बारिश से बचाने में कठिनाई हो रही है।
निष्कर्ष
बारिश के कारण छिंदगढ़ और अन्य धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था उजागर हुई है। लापरवाही के कारण किसानों और धान की गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ रहा है। प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर स्थिति में सुधार करना होगा।