बहरोड़ में पैंथर को पकड़ने में कोई परेशानी नहीं आई, लेकिन जब यह पैंथर राजऋषि कॉलेज में घुसा, तो वह पिंजरे के पास आकर लौट जाता है। वन विभाग ने उसे ट्रैप करने के लिए कई पिंजरे और कैमरे लगाए हैं। पैंथर के पगमार्क रोजाना मिलते हैं, लेकिन वह पिंजरे में नहीं घुसता। एक बार पैंथर रिहायशी कालोनी में भी आ चुका है, लेकिन फिर कॉलेज लौट गया।
पैंथर के खुले घूमने से इलाके के लोग डर में हैं और बाहर नहीं निकल रहे। यह समस्या सरिस्का में टाइगरों की संख्या बढ़ने की वजह से हो रही है, जिससे पैंथर रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं। जब तक जंगल में मानव दखल पूरी तरह से नहीं कम होगा, यह समस्या बनी रहेगी।