जब रेलवे ने जबलपुर-नैनपुर रूट पर ब्रॉडगेज निर्माण किया, तो अंग्रेजों के समय बिछाई गई नैरोगेज लाइन की 72 एकड़ जमीन खाली हो गई थी। यह जमीन उपयोग में नहीं आ रही थी और अवैध कब्जों का खतरा था। पत्रिका ने ग्रीन कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे के निर्माण की मांग की, जिसे विभिन्न समाजिक वर्गों का समर्थन मिला और प्रशासन ने इसे आगे बढ़ाया।
अब रेलवे को 110 एकड़ जमीन मिल रही है, जिसकी कुल कीमत 640.91 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत छोटी लाइन चौराहा से गौरीघाट तक निर्बाध यातायात के लिए एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जिसमें अंडरपास और फ्लाइओवर जैसे सुविधाओं का भी प्रावधान किया जाएगा। मार्ग के दोनों ओर ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, जिससे शहरवासियों को प्रदूषण मुक्त हरा-भरा क्षेत्र मिलेगा।
यह परियोजना श्रद्धालुओं और शहरवासियों के लिए बहुत फायदेमंद होगी। हर दिन 25,000 से 30,000 श्रद्धालु गौरीघाट नर्मदा दर्शन के लिए जाते हैं, और प्रमुख त्योहारों के दौरान यह संख्या लाखों तक पहुंच जाती है। नए मार्ग से श्रद्धालुओं को जाम और पार्किंग की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, और उनकी यात्रा आसान हो जाएगी।
रेल मंत्री ने इस परियोजना के लिए जरूरी जमीन हस्तांतरण की स्वीकृति दे दी है, और उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट जल्दी पूरा होगा।