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हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज को एक साल, लेकिन अभी तक नहीं मिला न्यूरो सर्जन

हनुमानगढ़ जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू हुए एक साल हो चुका है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक न्यूरो सर्जन की नियुक्ति नहीं की है। इससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, खासकर हैंड इंजरी के मामलों में। ज्यादातर मामलों में मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रैफर किया जाता है, और हायर सेंटर पहुंचने से पहले ही उनकी हालत गंभीर हो जाती है या इलाज में देरी के कारण जान चली जाती है।

न्यूरो सर्जन की नियुक्ति की आवश्यकता
मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर जिला अस्पताल में ट्रोमा सेंटर की सुविधा बढ़ी थी, जिससे उम्मीद जगी थी कि यहां न्यूरो सर्जन की नियुक्ति होगी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया है।

न्यूरो सर्जन मिलने से मिलेंगी नई सुविधाएं
अगर मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत न्यूरो सर्जन की सेवाएं मिलती हैं, तो जिला अस्पताल की सुविधाएं बढ़ जाएंगी। अस्पताल में सर्जिकल आईसीयू की भी स्थापना की जाएगी, जिससे गंभीर हालत में मस्तिष्क के ऑपरेशन किए जा सकेंगे।

न्यूरो फिजिशियन की सेवाएं
दर्जा अस्पताल में वर्तमान में न्यूरो फिजिशियन सप्ताह में छह दिन रोगियों को परामर्श देते हैं। लेकिन न्यूरो सर्जन की सेवाएं मिलने से मरीजों को इलाज के लिए हायर सेंटर रैफर नहीं करना पड़ेगा। इससे समय पर इलाज मिल सकेगा और इलाज पूरी तरह से निशुल्क होगा।

स्वास्थ्य विभाग को भेजा पत्र
न्यूरो सर्जन की नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा गया है। जैसे ही न्यूरो सर्जन मिलेंगे, सर्जिकल आईसीयू की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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