आयुक्त के निरीक्षण में पता चला कि इमरजेंसी कक्ष में कई दिनों से मरीजों के बेड की चादर नहीं बदली गई थी और अस्पताल में साफ-सफाई भी नहीं थी, जिससे मरीजों को परेशानी हुई। आयुक्त ने इसे अनुशासनहीनता और लापरवाही करार दिया।
इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन रोक दिया और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। प्राचार्य ने कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से स्पष्टीकरण दें, और यदि जवाब संतोषजनक रहा तो ही उनका वेतन जारी किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है और इमरजेंसी कक्ष की नियमित जांच करने के निर्देश दिए हैं।