कानपुर के गोविंदनगर थाना क्षेत्र में मानव तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने 12 साल के एक बच्चे को एक कारोबारी के चुंगल से छुड़ाया है। मासूम ने बताया कि उसे टॉयलेट साफ करने, घर की सफाई करवाने के लिए बंधक बना लिया गया था और घर जाने की बात करने पर उसे बेरहमी से पीटा जाता था।
बच्चे ने घर पर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। तहरीर पर पुलिस ने कारोबारी को गिरफ्तार किया और उस पर किशोर न्याय अधिनियम, बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया।
बच्चे की कहानी:
बच्चे ने बताया कि उसका नाम बाबुल है और वह बिहार के मोतीहारी जिले का रहने वाला है। वह अपने माता-पिता के साथ गुड़गांव में रहता था, जब एक दिन पप्पू यादव ने उसे और उसके चचेरे भाई को पैसे कमाने का लालच दिया और लखनऊ के आलमबाग में सुनील मलिक के घर पर काम करने के लिए छोड़ दिया।
एक माह पहले उसे गोविंदनगर लाकर काम करने के लिए छोड़ दिया गया था, जहां उससे टॉयलेट साफ कराया जाता था और घर की सफाई कराई जाती थी, लेकिन उसे कोई पैसा नहीं दिया जाता था।
गृहस्थी में काम करने का आरोप:
बच्चे ने यह भी बताया कि जब उसने घर जाने की बात की, तो साक्षी आनंद ने उसे मारा और पीटा। साक्षी के द्वारा इस पर बच्चा अपनी शिकायत घर बताने में सफल रहा, जिससे मामले का खुलासा हुआ।
पुलिस ने जांच में पाया कि पप्पू यादव को इस बच्चे के लिए 30,000 रुपये दिए गए थे, और इसी पैसे के बदले उसे काम पर रखा गया था।