पीडब्ल्यूडी और प्रशासन से जारी नोटिस
- पीडब्ल्यूडी और प्रशासन ने नोटिस जारी कर तीन दिन में घर और दुकान हटाने की चेतावनी दी है।
- इस योजना से 110 दुकानें और 500 से अधिक घर प्रभावित हो रहे हैं।
रहवासियों के सवाल
रहवासियों ने कलेक्टर से पूछा कि पीडब्ल्यूडी ने नोटिस कैसे जारी किया, जबकि दुकानें राजस्व विभाग की जिम्मेदारी हैं। पीडब्ल्यूडी एक निर्माण एजेंसी है और वह खुद नोटिस नहीं दे सकती। इस पर रहवासियों ने नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया।
कलेक्टर से मिली उम्मीद
रहवासियों ने कलेक्टर से यह भी बताया कि उन्हें पहले 5 दिसंबर तक खुद अपना निर्माण हटाने का नोटिस मिला था, लेकिन अब 12 नवंबर 2024 की तारीख लिखी गई है। उन्होंने कलेक्टर से यह भी कहा कि पहले सुभाष ब्रिज की डिजाइन मोती नगर के सामने से होकर बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसे मोती नगर की दुकानों और घरों के ऊपर डाल दिया गया। कलेक्टर ने इस पर उचित निर्णय का आश्वासन दिया।
रहवासियों की बात
- शानू खान (रहवासी): “जब वल्लभ नगर और भीम नगर स्लम के विस्थापन के लिए योजना बनाई जा सकती है, तो यहां भी एक योजना बननी चाहिए।”
- जकरिया कुरैशी (रहवासी): “हम 25 साल से यहां हैं, ऐसे अचानक नोटिस पर कैसे हट पाएंगे? प्रशासन को संवेदनशील होकर विचार करना चाहिए।”
कलेक्टर का जवाब
कलेक्टर ने कहा कि रहवासियों की बातें सुनी हैं और इस मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा।