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दौसा बोरवेल हादसा: 41 घंटे बाद भी फंसे मासूम आर्यन को बचाने की कोशिशें जारी, नई योजना पर काम

दौसा। कालीखाड़ गांव में सोमवार दोपहर करीब 3 बजे खुले बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय आर्यन मीना को 41 घंटे बीत जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। ठंड के बीच बचाव कार्य तीसरे दिन भी जारी है। कई देशी जुगाड़ आजमाए गए, लेकिन सभी असफल रहे। अब पाइलिंग मशीन से सुरंग (टनल) बनाकर आर्यन को बचाने का प्रयास हो रहा है। अब तक 70 फीट गहराई तक खुदाई की जा चुकी है।

मासूम की स्थिति और बचाव प्रयास
आर्यन 160 फीट गहरे बोरवेल में 147 फीट की गहराई पर फंसा है। बच्चे तक सिर्फ ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है, जबकि पानी या भोजन नहीं भेजा जा सका है। एनडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बच्चे को हुक से खींचने और अंब्रेलानुमा उपकरण से नीचे गिरने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली।

मंत्री और प्रशासन का सहयोग
मंगलवार देर रात कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और बुधवार सुबह सांसद मुरारीलाल मीणा मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिवार और ग्रामीणों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। आपदा विभाग ने राहत कार्य के लिए 10 लाख रुपये जारी किए हैं।

संसाधन और चुनौती
घटनास्थल पर जिला कलक्टर देवेंद्र कुमार लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मिट्टी हटाने के लिए दर्जनों ट्रैक्टर लगाए गए हैं। बोरवेल का व्यास केवल 16 इंच है, जिससे बचाव कार्य और मुश्किल हो रहा है।

घटना का विवरण
सोमवार को आर्यन की मां खेत में काम कर रही थी। खेलते हुए आर्यन का पैर फिसला और वह मां के सामने बोरवेल में गिर गया। मां ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया।

प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें आर्यन को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं।

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