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नर्मदा नदी से रेत का अवैध खनन: जनपद अध्यक्ष और ग्रामीणों का धरना

डिंडौरी जिले में नर्मदा नदी से रेत के अवैध खनन और परिवहन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले में जनप्रतिनिधियों और खनन कंपनी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। करंजिया के जनपद अध्यक्ष चरण सिंह धुर्वे ने खनन ठेकेदार के कर्मचारियों पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं।

अवैध खनन और वसूली के आरोप

जनपद अध्यक्ष चरण सिंह धुर्वे ने नर्मदा नदी के तेलीटोला, रहगी, लालखाटी, बंजरटोला, और सिवनी संगम इलाकों में रेत के अवैध खनन और भंडारण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रात के समय ठेकेदार के कर्मचारी रेत का अवैध परिवहन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया है कि जब वे शासकीय कार्य के लिए रेत निकालते हैं, तो ठेकेदार के कर्मचारी उनसे बिना रसीद के पैसे वसूलते हैं।

धरने पर बैठे जनपद अध्यक्ष

जनपद अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन सुनवाई न होने पर उन्होंने रेत जांच नाके के पास टेंट लगाकर ग्रामीणों के साथ धरना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे राजस्व निरीक्षक और पटवारी ने जांच की, जहां ग्रामीणों ने अवैध रेत भंडारण दिखाया।

ठेकेदार की सफाई

रेत ठेकेदार के कर्मचारियों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नाके पर किसी से अवैध वसूली नहीं की जा रही है। ठेकेदार ने बताया कि पहले कुछ लड़कों की शिकायत मिली थी, जिन्हें काम से हटा दिया गया है।

अस्थाई जांच नाके और कलेक्टर की जांच

नवंबर 2023 में जिला प्रशासन के आदेश पर खनिज विभाग ने रेत के अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए जिले में 18 अस्थाई जांच नाके स्थापित किए थे। इन नाकों का संचालन ठेकेदार के कर्मचारी कर रहे हैं।

ठेकेदार की शिकायत

रेत ठेकेदार ने कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपकर जनपद अध्यक्ष और अन्य लोगों पर कर्मचारियों को धमकाने और अनुचित पैसे मांगने के आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि जनपद अध्यक्ष और उनके साथी गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकी देकर ठेकेदार के कर्मचारियों को काम करने से रोक रहे हैं।

यह मामला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसकी जांच का आश्वासन कलेक्टर ने दिया है।

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