कीर्ति आजाद ने अपनी टीम के साथ डीडीसीए में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उनका कहना है कि डीडीसीए में फंड्स का गलत प्रबंधन हो रहा है, और एसोसिएशन के सदस्यों को सही सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोहन जेटली के नेतृत्व में डीडीसीए स्टेडियम को अपग्रेड करने का वादा पूरा नहीं किया गया।
कीर्ति आजाद का नारा “अब नहीं बदलेगा तो कभी नहीं बदलेगा” है, और वे डीडीसीए की कार्यप्रणाली में बदलाव लाने का लक्ष्य रखते हैं। उनका उद्देश्य भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ियों की छवि को सम्मानजनक बनाना है।
कीर्ति और उनकी टीम ने डीडीसीए में पारदर्शिता और सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने फंड्स के गलत प्रबंधन, टिकट वितरण में पक्षपाती रवैया और जमीनी स्तर पर विकास की कमी जैसे मुद्दों पर सवाल उठाए। संजय भारद्वाज, जो सचिव पद के उम्मीदवार हैं, ने भी कीर्ति आजाद का समर्थन किया है। वे 2018 में डीडीसीए राजनीति में सक्रिय हुए और सदस्यों के लिए बेहतर सुविधाओं और पारदर्शिता की लड़ाई लड़ी।