अब ठग ओटीपी के बिना ही लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं। ये ठग सिम कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों को मोबाइल में छिपे कुछ सीक्रेट कोड डायल करने के लिए कहते हैं। जैसे ही लोग इन कोड्स को डायल करते हैं, उनके फोन की पूरी जानकारी ठगों तक पहुंच जाती है, और बिना ओटीपी के ही उनके खाते से पैसे उड़ा लिए जाते हैं।
दुल्हन की गलती:
हाल ही में एक नई दुल्हन ने ऑनलाइन शॉपिंग की थी, लेकिन जब सामान नहीं आया तो उसने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया। कस्टमर केयर से एक लिंक भेजी गई, जिस पर क्लिक करते ही उसकी खाता जानकारी ठगों को मिल गई और 5 किस्तों में 1 लाख रुपये खाते से उड़ा दिए गए।
सतर्कता रखें:
ठगों से बचने के लिए आपको सतर्क रहना बेहद जरूरी है। कभी भी बिना जांचे-परखे किसी लिंक पर क्लिक न करें और अनजान ऐप्स डाउनलोड करने से बचें। एंटीवायरस ऐप का इस्तेमाल करें, जो संदिग्ध ऐप्स और फाइल्स को ब्लॉक कर सके। अगर ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।
ठगी के कुछ नए तरीके:
- लकी ड्रॉ: ठग लकी ड्रॉ के नाम पर लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही खाते से पैसे कट जाते हैं।
- बिल नहीं भरा: बिजली या गैस बिल न भरने का डर दिखाकर लिंक भेजते हैं और क्लिक करते ही पैसे गायब हो जाते हैं।
- केवायसी: बैंक या सरकारी दफ्तर के नाम पर केवायसी की अधूरी जानकारी का हवाला देकर लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही खाते से पैसे कट जाते हैं।
- फर्जी वेबसाइट: ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर कस्टमर केयर नंबर देते हैं। लोग जब बुकिंग करते हैं तो ठगे जाते हैं।
- जॉब स्कैम: जॉब के नाम पर लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही पैसे मांगने के बहाने ठग जाते हैं।
सावधान रहें:
- ठग आपके सिम कार्ड को बंद करने का झांसा देकर 21 या अन्य कोड डायल करने के लिए कह सकते हैं।
- बैंक से केवायसी के नाम पर ठग सीक्रेट कोड भेजते हैं, जिससे फोन ठगों के इशारे पर काम करने लगता है।
- क्रेडिट कार्ड के ऑफर के नाम पर ठग मालवेयर फाइल भेज सकते हैं, जो आपके फोन को हैक कर सकती है।
सतर्क रहें और कभी भी किसी अनजान लिंक या ऐप से अपनी जानकारी साझा न करें!