कांग्रेस के विरोध का उद्देश्य:
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन, 18 दिसंबर को, वह योगी सरकार की नीतियों और नाकामियों के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। अजय राय ने कहा कि यह घेराव बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बिजली निजीकरण, किसानों की समस्याओं और स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति जैसे मुद्दों पर होगा। आराधना मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार इन सभी मुद्दों पर असफल साबित हुई है और अब वह विपक्ष के सवालों से बचने की कोशिश कर रही है।
मुख्य मुद्दे:
- बिजली निजीकरण और अव्यवस्था:
आराधना मिश्रा ने कहा कि पिछले आठ सालों में योगी सरकार ने बिजली क्षेत्र में कोई नया कदम नहीं उठाया। बिजली का निजीकरण सरकार की नीति के कारण जनता को परेशान कर रहा है और बिजली की दरों में अस्थिरता आ रही है। - किसान समस्याएं:
कांग्रेस किसानों के मुद्दों को प्रमुख रूप से उठाएगी, जैसे खाद की बढ़ती कीमतें और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की समस्या। मिश्रा ने कहा कि सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ करने का वादा पूरा नहीं किया और उनकी आय दोगुनी करने का वादा भी अधूरा रहा। - बेरोजगारी:
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में 100 में से 85 युवा बेरोजगार हैं। इसके अलावा, इस सरकार के दौरान 14 बार पेपर लीक के मामले सामने आए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। - स्वास्थ्य व्यवस्था:
कांग्रेस ने झांसी अग्निकांड में 18 मासूम बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया और इसे सरकार की लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। - सांप्रदायिक हिंसा और अपराध:
आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि योगी सरकार की नाकामी के कारण प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं। बहराइच की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। - सड़कें:
मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि यह समझना मुश्किल है कि सड़क कहां है और गड्ढा कहां है। सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा झूठा है।
कांग्रेस की मांगें:
- विधानसभा सत्र का समय बढ़ाया जाए ताकि सभी मुद्दों पर चर्चा हो सके।
- किसानों के गन्ना भुगतान को तुरंत जारी किया जाए।
- बिजली और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- बेरोजगारी खत्म करने के लिए योजनाएं बनाई जाएं।
- सांप्रदायिक हिंसा और अपराधों पर कड़ी कार्रवाई हो।
सरकार की जवाबदेही पर जोर:
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि योगी सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देना होगा। आराधना मिश्रा ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस सड़क से सदन तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
विधानसभा घेराव और सोशल मीडिया अभियान:
कांग्रेस ने 18 दिसंबर को विधान भवन के बाहर घेराव करने का कार्यक्रम तय किया है। इसके साथ ही, पार्टी सोशल मीडिया पर भी इस विरोध प्रदर्शन को प्रचारित करने की योजना बना रही है, और कार्यकर्ताओं को सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता को जागरूक करने के लिए हैशटैग अभियान चलाने का निर्देश दिया है।