घुनघुटी से मुदरिया और मुदरिया से पाली तक पूरी हो चुकी तीसरी रेल लाइन का रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने गहन निरीक्षण किया। इस दौरान पटरियों पर “स्पेशल सैलून” को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर इसका परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा।
विस्तार से
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन के अंतर्गत शहडोल से पाली-कटनी की ओर जाने वाली नव निर्मित तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण करने रेलवे सुरक्षा आयुक्त बृजेश कुमार मिश्रा कोलकाता से घुनघुटी पहुंचे। दो दिन तक चले निरीक्षण के दौरान गुरुवार को सीआरएस ने पटरियों की गति क्षमता को जांचने के लिए स्पेशल सैलून का ट्रायल किया। 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर सैलून को चलाया गया। परीक्षण सफल होने के बाद अब इस तीसरी लाइन पर जल्द ही रेलगाड़ियां दौड़ना शुरू हो जाएंगी।
निरीक्षण की प्रक्रिया
सीआरएस ने घुनघुटी से मुदरिया और मुदरिया से पाली तक पूरी हो चुकी 16 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण में डीआरएम बिलासपुर, सीएओ और अन्य रेलवे अधिकारी भी शामिल थे। सीआरएस ने तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिया और किसी भी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी नहीं पाई गई। इससे पहले उन्होंने बिलासपुर-शहडोल रेलखंड के भनवारटंक क्षेत्र में हुई मालगाड़ी के डिरेलमेंट की भी जांच की।
लाइन का महत्व
तीसरी रेल लाइन पूरी होने से शहडोल-बिलासपुर और शहडोल-कटनी के बीच मालगाड़ियों की क्रॉसिंग के कारण होने वाली देरी कम होगी। इससे यात्री ट्रेनों को समय पर गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
फायदा और अगला कदम
पाली से लोढ़ा स्टेशन तक लाइन बिछाई जा चुकी है, हालांकि पुल निर्माण का कुछ काम बाकी है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। परीक्षण के सफल परिणाम और फिटनेस की अनुमति मिलने के बाद इस लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। यात्रियों को समय पर सेवाओं का लाभ मिलेगा और मालगाड़ियों की ट्रैफिक समस्या भी कम होगी।