स्कूलों में परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं, लेकिन सावित्रीबाई फुले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की उर्दू माध्यम की छात्राओं को पढ़ाई में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कारण है कि स्कूल में एक ऐसे शिक्षक को नियुक्त किया गया है, जिसे उर्दू भाषा का ज्ञान ही नहीं है।
समस्या का विस्तार
सावित्रीबाई फुले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जो एक उर्दू माध्यम का स्कूल है, वहां गैर-उर्दू भाषी शिक्षक की नियुक्ति कर दी गई है। इस वजह से उर्दू पढ़ने वाली छात्राओं को शिक्षा में कठिनाई हो रही है। छात्राओं का कहना है कि शिक्षक को उर्दू का ज्ञान नहीं होने से वे उन्हें सही तरीके से पढ़ा नहीं पा रहे हैं।
छात्राओं ने यह समस्या स्कूल प्राचार्य के सामने भी रखी थी, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हुआ। परीक्षा के समय यह समस्या और गंभीर हो सकती है, जिससे छात्राओं का भविष्य प्रभावित हो सकता है।
एनएसयूआई छात्र संगठन ने दिया ज्ञापन
इस समस्या के समाधान के लिए एनएसयूआई छात्र संगठन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि गैर-उर्दू भाषी शिक्षक के स्थान पर किसी उर्दू भाषी शिक्षक की नियुक्ति की जाए। संगठन ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पहले जिला शिक्षा अधिकारी को भी शिकायत दी थी, लेकिन वहां से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
आंदोलन की चेतावनी
एनएसयूआई ने कलेक्टर से समस्या का तुरंत समाधान करने की अपील की है। साथ ही, संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे बुरहानपुर जिले में एक बड़ा आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि यह मुद्दा छात्राओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता