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जागेश्वर धाम: म्यूजियम से ब्रह्मकुंड तक बनेगा रिवर फ्रंट, मास्टर प्लान पर तेजी से काम

जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान का कार्य प्रगति पर
उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के तहत तेजी से काम हो रहा है। पहले चरण में मंदिर में लाइटिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब रिवर फ्रंट के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। इस योजना के तहत एरावल प्लाजा, ब्रिज और अन्य विकास कार्य किए जाएंगे।

सीएम धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट
जागेश्वर धाम, जो देश का आठवां ज्योर्तिलिंग माना जाता है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सातवीं सदी में बने इस मंदिर समूह के आसपास घने देवदार के जंगल हैं। मास्टर प्लान के तहत मंदिर का सौंदर्यीकरण, योग मैदान, शवदाह स्थल निर्माण, और रिवर फ्रंट जैसे कई विकास कार्य हो रहे हैं।

रिवर फ्रंट निर्माण की तैयारी
रिवर फ्रंट के लिए डीपीआर परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) द्वारा तैयार कर ली गई है। इसके तहत जटागंगा नदी पर छोटे-छोटे डैम और घाट बनाए जाएंगे। साथ ही म्यूजियम से लेकर ब्रह्मकुंड तक परिक्रमा पथ तैयार किया जाएगा। इससे श्रद्धालु बिना सड़क पर आए मंदिर और ब्रह्मकुंड की परिक्रमा कर सकेंगे, जिससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी।

दो धनुषनुमा पुल बनेंगे
म्यूजियम के पास से योग मैदान तक पहुंचने के लिए दो धनुषनुमा पुल बनाए जाएंगे। एक पुल मौजूदा पुल की जगह बनेगा, जबकि दूसरा योग मैदान के पूर्वी छोर पर बनाया जाएगा। ये पुल श्रद्धालुओं को मंदिर, योग मैदान और म्यूजियम के बीच कनेक्ट करेगा।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ
रिवर फ्रंट के तहत जटागंगा नदी के दोनों किनारों पर दीवारें बनाई जाएंगी और नदी की चौड़ाई कम की जाएगी। इससे म्यूजियम से ब्रह्मकुंड तक एक परिक्रमा पथ तैयार होगा, जिससे श्रद्धालु आसानी से परिक्रमा कर सकेंगे।

जल्द शुरू होगा काम
पीआईयू के एई हेमंत पाठक ने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। बजट स्वीकृत होते ही म्यूजियम से ब्रह्मकुंड तक रिवर फ्रंट का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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