तिल्लौर गांव में पीडब्ल्यूडी विभाग ने 40 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम शुरू किया था, लेकिन बिजली के पोल के कारण सड़क के कई हिस्से अधूरे छोड़ दिए गए। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अधूरी सड़क बनी हादसों का कारण
तिल्लौर से पिपल्दा तक बनने वाली सड़क में दस से ज्यादा गांवों में 300-400 मीटर के हिस्से अधूरे हैं। सड़क के बीचों-बीच खड़े बिजली के पोल हादसे की वजह बन रहे हैं। कई पोल झुके हुए हैं और उनके तारों की ऊंचाई भी कम है, जिससे वाहनों के तारों में उलझने का खतरा बना रहता है।
पीडब्ल्यूडी और बिजली कंपनी में तालमेल की कमी
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क निर्माण शुरू करने से पहले बिजली कंपनी को पोल हटाने के लिए पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरी ओर, बिजली कंपनी का कहना है कि पोल हटाने के लिए जरूरी राशि पीडब्ल्यूडी ने मुहैया नहीं कराई।
ग्रामीणों की परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़क अधूरी है। अफसरों की लापरवाही से बिजली के पोल हादसों का कारण बन रहे हैं। यदि समय रहते इन पोल को हटा दिया गया तो सड़क के अधूरे हिस्से को भी बनवाया जा सकता है।
समय रहते समाधान की जरूरत
सड़क अभी गारंटी पीरियड में है, इसलिए समय रहते ठेकेदार कंपनी से सड़क के अधूरे हिस्से को पूरा करवाने की मांग की जा रही है।