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गुकेश तमिल या तेलुगु: चैंपियन की विरासत पर दो राज्यों में खींचतान

खेल
शतरंज के नए विश्व चैंपियन डी. गुकेश को लेकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री गुकेश को अपने राज्य से जोड़ने का दावा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर फैंस भी इस बहस में अपनी-अपनी राय दे रहे हैं।

स्टालिन ने किया तमिलनाडु का दावा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुकेश की उपलब्धि पर ट्वीट करते हुए लिखा, “चेन्नई से एक और विश्व चैंपियन निकला। तमिलनाडु को आप पर गर्व है।” उन्होंने गुकेश को चेन्नई की शतरंज संस्कृति का हिस्सा बताते हुए उन्हें राज्य का गौरव कहा।

नायडू ने तेलुगु विरासत का किया उल्लेख
इसके दो मिनट बाद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया, “हमारे तेलुगु लड़के को बधाई। पूरी दुनिया आपकी उपलब्धि का जश्न मना रही है।” नायडू ने गुकेश को तेलुगु समुदाय का प्रतिनिधि बताया।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
गुकेश की विरासत को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस शुरू हो गई। तमिलनाडु के फैंस का कहना है कि राज्य ने गुकेश को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं दी हैं। वहीं, तेलुगु फैंस ने गुकेश की जातीयता को आधार बनाते हुए उन्हें तेलुगु बताया।

फैंस की राय

  • एक यूजर ने कहा, “तमिलनाडु सरकार ने गुकेश के करियर को समर्थन दिया है। उन्होंने 75 लाख रुपये की मदद दी थी।”
  • वहीं, दूसरे ने लिखा, “गुकेश तेलुगु माता-पिता से पैदा हुए हैं। वह जातीय रूप से तेलुगु हैं।”
  • तीसरे यूजर ने कहा, “यह मायने नहीं रखता कि वह तमिल हैं या तेलुगु। वह भारतीय हैं और उन्होंने भारत के लिए पदक जीता।”

निष्कर्ष
गुकेश की उपलब्धि ने देश को गौरवान्वित किया है, लेकिन उनकी जातीयता और निवास को लेकर चल रही बहस ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उनकी पहचान से ज्यादा उनकी उपलब्धि पर ध्यान देना जरूरी नहीं है?

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