नक्सल बंदियों को रोजगार का अवसर, दंतेवाड़ा जेल में कौशल विकास की पहल
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दंतेवाड़ा: दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ प्रशासन का कड़ा कदम जारी है। यहां की जिला जेल को राज्य की पहली जेल बनाया गया है, जहां नक्सल बंदियों को रोजगार देने और उनके कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
जिला जेल में 70 प्रतिशत से अधिक बंदी नक्सल मामलों में विचाराधीन हैं। इन बंदियों को अब कंप्यूटर, सिलाई, मोटर मैकेनिक, राजमिस्त्री और फास्ट फूड बनाने जैसे विभिन्न प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। इन बंदियों को अब संविधान की प्रस्तावना टाइप करना सिखाया जा रहा है और वे कंप्यूटर में फोटोशॉप, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पॉवर प्वाइंट जैसी स्किल्स भी सीख रहे हैं।
इसके अलावा, उन्हें पीएम आवास जैसी योजनाओं के तहत घर बनाने की तकनीक भी सिखाई जा रही है। जिला जेल अधीक्षक जी एस सोरी के अनुसार, यह जेल कौशल विकास के लिए एक आदर्श बन चुकी है। यहां पर बंदियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, ताकि जेल से बाहर आने के बाद वे इन स्किल्स का लाभ ले सकें और समाज में अपने पैर जमा सकें।