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मनोज परमार की आत्महत्या के बाद सियासी विवाद, सुसाइड नोट में ED और BJP पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में एक कारोबारी दंपती ने आत्महत्या कर ली। कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी ने फांसी लगाकर अपनी जान दी। इस आत्महत्या के बाद सियासी माहौल गर्मा गया है, क्योंकि मनोज परमार के सुसाइड नोट में ED और भाजपा के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

5 दिसंबर को पंजाब नेशनल बैंक से 6 करोड़ के फ्रॉड मामले में ED ने कारोबारी के सीहोर और इंदौर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि मनोज परमार को भाजपा ने निशाना बनाया था, क्योंकि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट दी थी। कांग्रेस का कहना है कि इस कारण भाजपा और ED ने उन पर दबाव डाला, जिससे परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।

मनोज परमार द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट सामने आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि ED के अधिकारियों ने उनके घर से 10 लाख रुपये और 70 ग्राम सोने की ज्वैलरी जब्त की, लेकिन पंचनामे में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया। साथ ही, मनोज परमार ने लिखा कि ED के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि अगर वे भाजपा में होते, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने यह भी लिखा कि अधिकारियों ने उन्हें अपमानित किया और धमकी दी कि उनके बच्चों को भाजपा जॉइन करवाने का दबाव डाला।

इस मामले में कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह ने ED की कार्रवाई की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि ED और भाजपा के उत्पीड़न का परिणाम है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे ‘सरकारी हत्या’ करार दिया है।

मनोज परमार के बेटे ने भी आरोप लगाया कि ED ने उनके पिता को परेशान किया और यह आत्महत्या उसी दबाव का परिणाम है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट के आधार पर पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है।

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