पूर्व विधायक और भाजपा नेता गिर्राज सिंह मलिंगा पर धौलपुर जिले के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में बिजली विभाग के एईएन (हर्षदापति) और जेईएन (नितिन गुलाटी) के साथ मारपीट का आरोप है। यह घटना 28 मार्च 2022 को हुई थी। घटना के बाद एईएन हर्षदापति ने मलिंगा और अन्य के खिलाफ मारपीट, राजकार्य में बाधा डालने और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था।
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मलिंगा को जमानत दी है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत की शर्तें तय करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने जमानत का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्यवाही का आदेश देते हुए जमानत मंजूर की।
घटना के बाद विरोध और कार्रवाई
घटना के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों में भारी आक्रोश था। इसके चलते कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। प्रशासनिक हलचल के तहत तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का तबादला कर दिया गया था।
पिछली सुनवाई और गिरफ्तारी
- 11 मई 2022: मलिंगा ने जयपुर में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने आत्मसमर्पण किया।
- 12 मई 2022: उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया और 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 20 नवंबर को मलिंगा ने धौलपुर जिले के एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर किया।
ट्रायल कोर्ट में आगे की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब ट्रायल कोर्ट में शर्तें तय होंगी। इस मामले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सभी की नजरें अब ट्रायल कोर्ट के फैसले पर हैं।