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मेधावी छात्र: ‘कभी हार न मानो, चुनौतियों का सामना करो’, बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मेधावी छात्रों को प्रेरित करते हुए सफलता, शिक्षा सुधार, नशे से बचाव और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने जीवन में कभी हार न मानने की सीख दी और अपने अनुभव साझा कर छात्रों का उत्साह बढ़ाया।

जीवन में हार से सीखने का महत्व

मुख्यमंत्री ने अपनी जिंदगी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार का जिक्र किया और बताया कि कैसे उस हार ने उन्हें सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और मुख्यमंत्री बने। उमर ने कहा, “अगर हिम्मत नहीं छोड़ेंगे, तो सफलता जरूर मिलेगी।”

हर उम्र में सीखने की जरूरत

उन्होंने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ हमें जीवन के अनुभवों से भी सीखना चाहिए। बुजुर्गों की सीख का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की सलाह पर ध्यान देना भविष्य में हमेशा फायदेमंद होता है।

शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली बच्चों पर अधिक दबाव डाल रही है। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में 98-100% कट-ऑफ ने शिक्षा को एक दौड़ बना दिया है। उन्होंने कहा, “हमें बच्चों का बचपन नहीं छीनना चाहिए। शिक्षा के साथ खेलकूद को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।”

किताबें पढ़ने की आदत डालें

मुख्यमंत्री ने बच्चों को पढ़ाई के साथ किताबें पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टेक्स्ट बुक्स के अलावा अन्य किताबें पढ़ें, चाहे वह फिक्शन हो या नॉन-फिक्शन। उन्होंने बताया कि उनकी मां ने उन्हें किताबें पढ़ने की आदत डाली, जिससे उन्हें मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

नशे के खिलाफ लड़ाई में सबकी भूमिका जरूरी

उमर ने युवाओं में बढ़ते नशे की समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ काम कर रही है, लेकिन इसमें समाज और बच्चों का सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने अपील की कि यदि किसी परिचित को नशे की लत हो तो उसके पुनर्वास में मदद करें।

पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी

जलवायु परिवर्तन की समस्या पर उमर ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में मौसम में काफी बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा, “हमें अपने बुजुर्गों से जो कुदरत विरासत में मिली थी, उसे ठीक से संभालने में असफल रहे। अब इसे ठीक करने की जिम्मेदारी आपकी है।” उन्होंने युवाओं से जलवायु संरक्षण के लिए कदम उठाने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ें और अपनी जिम्मेदारियों को समझें। यही सफलता का असली मंत्र है।

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