तकनीकी शिक्षा में बड़ा कदम
सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजी के साथ समझौता (एमओयू) किया है, जिसके तहत छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा दी जाएगी। यह कदम छात्रों की तकनीकी दक्षता और रोजगार क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
- इस प्रोजेक्ट में 54 करोड़ रुपये सरकार और 300 करोड़ रुपये टाटा टेक्नोलॉजी खर्च करेगी।
- टाटा टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री की मांग के अनुसार नए और उन्नत ट्रेडों में छात्रों को प्रशिक्षण देगी।
- वर्तमान में पुरानी तकनीकों की पढ़ाई के कारण छात्रों को रोजगार पाने में दिक्कत होती है। अब नई तकनीकों की शिक्षा मिलने से स्वरोजगार और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
इन आईटीआई का हुआ चयन
आधुनिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए चयनित 13 आईटीआई:
- काशीपुर
- बाजपुर
- पंतनगर
- सितारगंज
- देहरादून
- विकासनगर
- राजपुर रोड, देहरादून
- विशिष्ट हरिद्वार
- हल्द्वानी
- डेलना हरिद्वार
- नरसन
- पिरान कलियर
विदेश रोजगार प्रकोष्ठ और उत्कृष्टता केंद्र
सरकार 5 नए विदेश रोजगार प्रकोष्ठ खोलने की योजना बना रही है।
- सहस्त्रपुर में 4 और बाजपुर में 1 प्रकोष्ठ स्थापित किए जाएंगे।
- काशीपुर और हरिद्वार में पहले से दो उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) चल रहे हैं।
टाटा और सरकार की भागीदारी
- कुल खर्च का 87 प्रतिशत टाटा टेक्नोलॉजी और 13 प्रतिशत सरकार वहन करेगी।
- यह पहल उत्तराखंड के युवाओं को नई तकनीकों के साथ आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।