मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लोक न्यास विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में दीवारों पर बिना अनुमति पोस्टर चिपकाने या लिखने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
अधिकारियों को मिलेगा जुर्माना लगाने का अधिकार
अब अधिकारियों को सीधे जुर्माना लगाने का अधिकार होगा। इन मामलों को अदालत में नहीं ले जाया जाएगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। सरकार का कहना है कि यह कदम जनता का विश्वास बढ़ाने और प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।
अनावश्यक कानूनी प्रक्रिया से राहत
साल 2023 में भारत सरकार ने पब्लिक ट्रस्ट बिल पेश किया था, जिसका उद्देश्य कामकाज की जटिलताओं को खत्म करना था। उसी तर्ज पर राज्य सरकार ने यह विधेयक तैयार किया है। इसमें विभिन्न विभागों के उन अधिनियमों को संशोधित किया गया है, जिनमें पहले अदालत में मामला दर्ज करना पड़ता था। अब जुर्माने का निपटारा जल्द से जल्द हो सकेगा।
जुर्माने की सीमा बढ़ाई गई
इस विधेयक में कई विभागों ने जुर्माने की राशि बढ़ा दी है:
- ऊर्जा विभाग: कैप्टिव पावर प्लांट के लेखा प्रस्तुत न करने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया।
- नगर विकास और आवास विभाग: जल निकासी या सड़क क्षतिग्रस्त करने पर अब जुर्माना बढ़ाया गया है।
- अन्य विभाग: सहकारिता और श्रम विभाग ने भी अपने प्रावधानों में जुर्माने की सीमा बढ़ाई है।
महत्वपूर्ण कदम
यह विधेयक प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाने और जनहित में त्वरित निर्णय लेने की दिशा में एक अहम पहल है।